Monday, December 14, 2015

TAPI

तुर्कमेनिस्तान ने बीते रविवार को तुर्केमेनिस्तान से अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान होकर भारत तक जाने वाली ’तापी गैस पाईपलाईन’ का  निर्माण-कार्य शुरू कर दिया। इसके अलावा तुर्कमेनिस्तान ने अपने सबसे बड़े ’गालकिनिश’ गैस भण्डार के विकास का तीसरा दौर भी शुरू कर दिया है। ’गालकिनिश’ गैस भण्डार से ही तुर्कमेनिस्तान तापी गैस पाईपलाईन को जोड़ेगा।
पूर्वी तुर्कमेनिस्तान के मारी नगर के क़रीब तापी गैस पाईपलाईन का शिलन्यास किया गया। इस शिलन्यास समारोह में तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेरदीमुहम्मेदफ़, अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति मुहम्मद अशरफ़ गनी, पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ़ और भारत के उपराष्ट्रपति मौहम्मद हमीद अंसारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेरदीमुहम्मेदफ़ ने कहा कि इस परियोजना पर अमल करने से न सिर्फ़ गैस के आपूर्तिकर्ता देश और गैस का पारगमन करने वाले देशों और गैस के उपभोक्ता देश को लाभ होगा, बल्कि इससे इस इलाके में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग का विकास करने तथा इस इलाके में स्थिरता और शान्ति को मजबूत बनाने की भी सम्भावना मिलेगी। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने बताया कि ’तापी’ गैस पाईपलाईन का निर्माण दिसम्बर 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा।
तुर्कमेनिस्तान के सबसे बड़े गैस भण्डार ’गालकिनिश’ से शुरू होने वाली यह गैस पाईपलाईन 1814 किलोमीटर लम्बी होगी। यह पाईपलाईन अफ़ग़ानिस्तान के हेरात और कन्धार नगरों तथा पाकिस्तान के क्वेटा और मुल्तान नगरों से गुज़रकर भारतीय-पाक सीमा पर स्थित भारतीय शहर फ़ाज़िल्का तक जाएगी।

EXTRA:- "तापी पाइपलाइन परियोजना"
प्रश्न:- तापी पाइपलाइन परियोजना पर प्रकाश डालते हुए, भारतीय ऊर्जा सुरक्षा के सन्दर्भ के साथ-साथ दक्षिण-मध्य एशिया के एकीकरण और स्थायित्व में इस परियोजना के महत्व पर विचार प्रकट कीजियेI
०-० तापी पाइपलाइन परियोजना तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान होकर गैस पाइपलाइन भारत तक आनी है
०-० तापी के जरिए तुर्कमेनिस्तान के गलकीनाइश क्षेत्र से गैस कांधार (अफगानिस्तान) व मुल्तान (पाकिस्तान) होते हुए फाजिल्का (भारत) पहुंचेगी। इसके माध्यम से सभी देशों बिजली संयत्रों को गैस की आपूर्ति होगीI
०-० लम्बाई:- 1800 किलोमीटर.
•०-० मार्ग : गलकी नाइश (तुर्कमेनिस्तान) कंधार (अफगानिस्तान) मुलतान (पाकिस्तान) और फाजिल्का (भारत)
• अनुमानित लागत : 7.6 अरब डॉलर
• शिलान्यास : 13 दिसम्बर 2015,
• आपूर्ति शुरू होगी : दिसम्बर 2019 तक
=>विस्तार से :-
- तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) गैस पाइपलाइन परियोजना पर 7.6 अरब डालर का खर्च आने का अनुमान है। इस पाइपलाइन के जरिए भारत में बिजली संयंत्रों को गैस की आपूर्ति की जाएगी।
- प्रस्तावित 1800 किलोमीटर लंबी तापी गैस पाइपलाइना दिसम्बर 2019 तक चालू हो जाएगी। (
- तापी परियोजना, मध्य एशिया को ऊर्जा की कमी से जूझ रहे दक्षिण एशिया से जोड़ने वाली इस तरह की और परियोजनाओं के लिए रास्ता खोलेगा।
- इस पाइपलाइन के जरिये पूर्व सोवियत संघ के इस राज्य से गैस की कमी वाले भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान को गैस की आपूर्ति की जाएगी। इसके जरिये दैनिक नौ करोड घनमीटर गैस की आपूर्ति 30 साल तक की जायेगी।
- तापी गैस पाइपलाइन परियोजना से क्षेत्रीय सहयोग में बढ़ावा मिलेगा, देश निकट आयेगेI भारत-पाक रिश्ते को नया आयाम मिलेगाI
• एक और फायदा : पाइपलाइन के साथ-साथ चारों देश फाइबर आप्टिक केबल से जुड़ेंगे। तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान विद्युत पारेषण लाइन से भी जुडेंगे
- इसके अलावा एक बिजली पारेषण लाइन भी तुर्कमेनिस्तान,अफगानिस्तान व पाकिस्तान को जोड़ेगी।
=>इसे भी जानिए :- "शांति का पाइपलाइन" IPI**
०-० इसके पहले ईरान से पाकिस्तान होते हुए भारत तक आने वाली गैस पाइपलाइन को काफी प्रोत्साहन दिया गया था। इसे दोनों देशों ने ‘शांति का पाइपलाइन’ नाम भी दिया था। बाद में अमेरिकी दबाव में भारत व पाकिस्तान ने इससे किनारा कर लिया था।
- इससे भारत को गैस मिलती जबकि पाकिस्तान को अहम विदेशी मुद्रा। इस वजह से कई लोग मानते हैं कि दोनों देश जब एक दूसरे की जरूरत पर निर्भर होंगे तो आपसी रिश्तो को ठेस पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा सकेगा।
- बहरहाल, यह सिद्धांत तापी परियोजना के लिए भी लागू होती है। हकीकत में इस परियोजना का एक बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मुल्तान जैसे आतंक प्रभावित इलाकों से गुजरेगा। 

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