भारत की अधिकारी-वर्ग में सुधार लाने में एक मुख्य समस्या इसका शक्तिशाली दबाव समूह होना है जो कि अपनी शक्ति एवं संख्या में रत्ति भर भी कमी नहीं चाहते हैं। अब एक दुर्लभ मौका खुद ही सामने आया है।
हाल ही में 7 वें वेतन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रैल 2014 के शुरुआत तक 3.3 मिलियन केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों में से करीब लगभग एक मिलियन ( करीब 29 फीसदी ) कर्मचारी 50 से 60 आयु वर्ग के हैं।
90 पन्नों की यह रिपोर्ट कहती है कि, “यह अगले दस वर्षों में सेवानिवृत्ति की संख्या का तैयार सूचक है। आयोग गौर करती है कि उच्च स्तर के अनुभवी कर्मचारियों की गैरमौजूदगी का प्रभाव सरकारी खजाने पर भी पड़ेगा क्योंकि पुराने कर्मचारियों के जाने के बाद नए कर्मचारियों की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही यह मंत्रालयों / विभागों को उनके वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों के साथ लाइन में अपने कर्मियों की आवश्यकता संरेखित करने का अवसर प्रस्तुत करता है। ”
प्रशासनिक सुधार की ज़रुरत के लिए बार बार उल्लेख के साथ यह विचार किया गया है कि सरकार के बाहर से पेशेवरों को लाना, कार्य प्रदर्शन से जुड़े वेतन देने की शुरूआत एवं कुछ कर्मचारियों को अधिक वेतन का भुगतान करना चाहिए।
पूर्व कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर ने द इकोनोमिक टाइम्स के एक कॉलम में लिखा है कि, “प्रशासनिक सुधार को अनदेखा करने के लिए सरकार ही ज़िम्मेदार है है। प्रशासनिक सुधार के बगैर आर्थिक सुधारों वांछित असर नहीं दिखेगा। व्यापार को आसानी से करने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा प्रशासनिक अक्षमता ही है एवं इस ओर सरकार कोई ध्यान नहीं देती है। इस बार हमने प्रशासनिक सुधारों को सरकारी एजेंडे के टॉप में रखा हैं और ऐसा सिस्टम बनाया है जो कार्यकुशलता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है। ”
इंडियास्पेंड के सरकारी विभागों के स्टाफ एवं सेवानिवृत्ति मिलने वाले स्टाफों की संख्या के विश्लेषण से प्रत्येक में मौजूद अवसरों का पता चलता है।
केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन और प्रोत्साहन का फैसला वेतन आयोग द्वारा किया जाता है। हर 10 साल में एक बार आयोग गठित किया जाता है एवं यह राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन तय करने के लिए आधार भी माना जाता है।
रिपोर्ट कहती है कि, “केंद्र सरकार के सिविल सेवा में या सरकार के अधीन सिविल पदों पर सभी व्यक्तियों को केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के रूप में परिभाषित किया गया है एवं इन कर्मचारियों को भारत की संचित निधि से वेतन का भुगतान किया जाता है। हालांकि, संसद या संघ न्यायपालिका की सेवा के लिए नियुक्त व्यक्ति इसके अंतर्गत नहीं आते हैं। ”
अनुभवी कर्मियों वाले मंत्रालय
Ministries With Experienced Personnel
Ministry | Personnel (overall) | Personnel (ages 50-60) | Personnel aged 50-60 as % of all personnel |
---|---|---|---|
Textiles | 3,095 | 2,328 | 75 |
Coal | 305 | 196 | 64 |
Urban Development | 30,665 | 18,962 | 62 |
Petroleum & Natural Gas | 230 | 138 | 60 |
Science & Technology | 6,680 | 3,787 | 57 |
Heavy Industry | 246 | 138 | 56 |
New & Renewable Energy | 187 | 97 | 52 |
AYUSH | 164 | 84 | 51 |
Power | 1,044 | 523 | 50 |
0 से 60 आयु वर्ग में कर्मचारियों की सबसे अधिक अनुपात कपड़ा मंत्रालय ( 75 फीसदी) की है। इस संबंध में दूसरे स्थान का कोयला ( 64 फीसदी ), तीसरे पर शहरी विकास मंत्रालय ( 62 फीसदी ) हैं।
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों में से 22.23 फीसदी कर्मचारी 20 से 30 आयु वर्ग के हैं, 22.28 फीसदी 30 से 40 आयु वर्ग के हैं एवं 26.1 फीसदी 40 से 50 आयु वर्ग के हैं।
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